मुख्यमंत्री धामी बोले,चेतावनी प्रणाली से घटेगा आपदा का असर
उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग को लेकर देहरादून में आयोजित कॉन्क्लेव में बोले मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्वतीय राज्यों को प्राकृतिक आपदाओं का असर कम करने को अर्ली वार्निंग सिस्टम(त्वरित चेतावनी प्रणाली) और आपदा प्रबंधन की पूर्व मजबूत तैयारी रखनी होगी। मंगलवार को देहरादून में आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में सीएम ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग न केवल उत्तराखंड बल्कि सभी हिमालयी राज्यों के लिए प्रभावी सिस्टम तैयार करे। सीएम ने कहा कि इस वर्ष दिसंबर अंत तक श्री केदारनाथ धाम के सौंदर्यीकरण और पुनर्निर्माण से जुड़े सभी कार्यों और श्री बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सभी हिमालयी राज्य, आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील हैं। इनमें आपदाएं आने से जन-धन का बहुत नुकसान होता है। इनसे निपटने का एकमात्र उपाय है कि प्रो-एक्टिव एप्रोच यानि पूर्व तैयारियों को मजबूत किया जाए। उत्तराखंड में अक्तूबर,2021 में अतिवृष्टि के चलते आई आपदा का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि उस वक्त मौसम विभाग से बारिश का सटीक पूर्वानुमान मिल गया था। प्रदेश में बाहरी राज्यों के एक लाख से ज्यादा लोग मौजूद थे तब, समय पूर्व तैयारियों का यह लाभ हुआ कि एक भी जनहानि नहीं होने दी गई। सीएम ने कहा कि कार्यशालाएं औपचारिक नहीं होनी चाहिए। उनका जनता से जुड़ाव होना चाहिए, तभी इनकी सार्थकता है वर्ना तो अब तक सैकड़ों कार्यशालाएं हो चुकी हैं और आगे भी होती रहेंगी। सिद्धांतों को धरातल पर उतारा जाना जरूरी है। कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। जोशी ने कहा कि आपदाओं को रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन उनका प्रभाव कम से कम किया जा सकता है। जोशीमठ भूधंसाव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सरकार ने बेहद संवेदनशीलता के साथ काम किया। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव डॉ.रंजीत सिन्हा ने कहा, आपदा में सर्वोच्च प्राथमिकता हर व्यक्ति को सुरक्षित रखने की होती है। इसके लिए प्रबंधन तंत्र की मजबूती जरूरी है। इस दौरान विभिन्न संस्थाओं के वैज्ञानिक-प्रतिनिधि डॉ.जॉन पी जार्ज, राजेश कुमार, केएस होसलीकर, वी.गोपाल कृष्णन, अपर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास आनंद श्रीवास्तव, अपर सचिव सविन बंसल और वीएस यादव, डॉ.पी.रौतेला,मो.ओबेदुल्लाह अंसारी, वित्त नियंत्रक तंजीम अली, उप सचिव रईस अहमद आदि मौजूद रहे।