खुलासा: उत्तराखंड में दवाओं के सैंपल फेल, बाजार से वापस मंगाईं दवाइयां
50 दवाओं के सैंपल फेल, 11 उत्तराखंड में बनीं

देहरादून। अगर आप दवा का सेवन कर रहे हैं यह खबर आपके लिए जरूरी है। देशभर में पचास दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार इनमें उत्तराखंड में बनी 11 दवाएं भी शामिल हैं। दवा नियंत्रण विभाग द्वारा कराई गई सैंपलिंग के बाद इसका खुलासा हुआ है। उत्तराखंड के राज्य औषधि नियंत्रक ने दवा कंपनियों को नोटिस जारी किया है। दवाओं को बाजार से वापस मंगा दिया है।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय और राज्य का दवा नियंत्रण विभाग हर साल दवाओं की जांच करता है। क्वालिटी कंट्रोल के तहत होने वाली इस जांच के तहत देश भर से दवाओं के सैंपल लिए जाते हैं। इसी के तहत इस साल विभिन्न कंपनियों की 1200 दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन कंपनियों के सैंपल फेल पाए गए हैं। कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही दवाओं को बाजार से वापस मंगाया गया है।
हिमाचल और यूपी में सैंपल फेल:देश भर में हुई दवाओं की जांच में हिमाचल में बनी नौ, यूपी में बनी सात, मध्य प्रदेश की छह, गुजरात के चार सैंपल फेल हुए हैं। इसके अलावा अन्य राज्यों में बनी दवाओं के सैंपल भी फेल हुए हैं। उत्तराखंड में 250 से अधिक दवा निर्माता कंपनियां अपनी दवाएं बनाती हैं। ऐसे में राज्य की दवाओं के सैंपल फेल होने पर औषधि विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है।
इन दवाओं के सैंपल हुए हैं फेल:उत्तराखंड में बनी जिन दवाओं के सैंपल फेल पाए गए, उनमें आयरन की गोली ड्राइड फेरियस, प्रोस्टेट की दवा सिलोडोसिन, स्टेयरॉयड प्रीडेस फोर, विटामिन आक्टोकैप, ब्लड प्रेशर की दवा इनालेप्रिल, कोलेस्ट्रोल की दवा पिलोग्रेल, एंटीबायोटिक क्लेरिफोर्ड और खांसी में प्रयुक्त होने वाली एंटी एलर्जिक मोंटेल्यूकॉस्ट शामिल हैं। जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, वह नकली नहीं हैं। कुछ दवाएं तय मानक से हार्ड तो कुछ अधिक ड्राइ हो गई। ये जांच के दौरान मानक पर खरी नहीं उतरीं।