तैयारी:तो उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्ती निरस्त होगी!
बैकडोर भर्ती को लेकर भाजपा हाईकमान और सीएम का है सख्त रुख

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों का निरस्त होना तय माना जा रहा है। भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का भी सख्त रुक रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी जल्द इस पर फैसला ले सकती हैं।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से विधानसभा में बैकडोर से भर्ती होने का खुलासा हुआ है। पिछले कुछ दिनों से मंत्री और नेताओं के करीबियों और खास लोगों को नौकरियां बांटने का मसला सुर्खियों में है। भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों के कार्यकाल में हुई इन बैकडोर भर्तियों को लेकर बेरोजगार युवाओं और स्थानीय में आक्रोश है। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में लगातार आंदोलन हो रहे हैं और सीबीआई जांच की मांग उठ रही है। भाजपा सरकार में पार्टी और संघ नेताओं के करीबियों के नामों का खुलासा होने के बाद पार्टी काफी असहज है।सूत्रों ने बताया कि पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई बैकडोर भर्तियां निरस्त करने का सरकार मन बना चुकी। इस बाबत कानूनी राय भी ली जा रही है। दरअसल, दोनों सरकारों के कार्यकाल में की भर्तियों में लगे ज्यादातर कर्मचारी अभी तदर्थ रूप में कार्यरत हैं।
ऐसे में कानूनी दांवपेच का झंझट भी कम होगा। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी दोनों भर्तियों को निरस्त करने के पक्ष में हैं। स्पीकर खंडूड़ी भर्तियों को लेकर सर्वदलीय जांच टीम भी बना सकती हैं।
सीएम धामी कर चुके हैं जांच की सिफारिश: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी भी पहले ही बैकडोर भर्तियों को लेकर अपने तेवर दिखा चुके हैं। उन्होंने विस स्पीकर को पत्र लिखकर धांधली वाली भर्तियों को निरस्त करने की भी सिफारिश की है। उधर, भाजपा हाईकमान भी बैकडोर भर्तियों को लेकर खासा नाराज है ।
मंत्री प्रेमचंद ने की थी 72 भर्तियां :काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष रहते आचार संहिता से ऐन पहले जनवरी में भर्तियों की तैयारी कर ली थी। उन्होंने 72 लोगों को विधानसभा में नियुक्तियां दीं। लेकिन वित्त के पेच के चलते वेतन का संकट खड़ा हो गया था। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री का भी दायित्व मिलते ही सबसे पहले उन्होंने उक्त फाइल को मंजूरी दी। अब ये भर्तियां उनके गले की फांस बन चुकी हैं।
गोविंद सिंह कुंजवाल रख गए थे 159 कर्मचारी
कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने वर्ष 2016 में स्पीकर रहते 159 कर्मचारी भर्ती किए थे। इनमें छह रक्षक ऐसे भी हैं जिन्हें पीआरडी से रखा गया। खास बात यह है कि अपने विधानसभा क्षेत्र जागेश्वर के कई लोगों को उन्होंने नौकरियां दीं। उनके कार्यकाल में रखे गए काफी कर्मचारी अभी तक नियमित नहीं हो पाए हैं, जिस वजह से इनकी नौकरियों पर अब संकट खड़ा हो गया है।
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